निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास।

इस पंक्ति के माध्यम से लेखक आज की शिक्षा पर व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि किताबें पढ़कर तो हर कोई परीक्षा पास कर ले लेकिन पुस्तक मात्र/सीमित ज्ञान प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं है। बुद्धि का विकास सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए जिंदगी के तजुर्बे भी बहुत जरूरी हैं। इसके लिए किसी विषय को गहराई से जानना होता है। शिक्षा उसी कर्तव्य भावना का विकास करती है।


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